क्या एडल्ट कंटेंट डालके बढ़ाये फॉलोवर्स वाले हैंडल्स को ट्विटर “ब्लू टिक” भी देता है?
पिछले रिपोर्ट में हमने देखा था कि ट्विटर की ढीली पॉलिसी का फायदा उठा कर एडल्ट कंटेंट द्वारा फॉलोवर्स बढ़ाये जाते हैं और फिर सभी ट्वीट्स डिलीट करके उन्हें दूसरी पहचान दे दी जाती है.
इस रिपोर्ट में हम यह पड़ताल कर रहे हैं कि क्या ऐसे हैंडल्स को ट्विटर ब्लू टिक भी दे देता है?
1. टीम विकास अहिर @team_hyv
टीम विकास अहिर नाम से चल रहा यह हैंडल ब्लू टिक है. इनका बायो कहता है कि ये हिन्दू युवा वाहिनी, गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष हैं.
फ़रवरी, 2020 में बना यह हैंडल मार्च 2021 तक @goodfriend690 था जो कि एडल्ट कंटेंट ट्वीट करता था.
जब यह हैंडल टीम विकास अहिर में बदला गया तो ये पुराने ट्वीट्स डिलीट करना भूल गए थे. जिसे बाद में डिलीट किया गया.
2. पुरुषोत्तम कुमार @PurshottamNews
पुरुषोत्तम कुमार के बायो के अनुसार यह टीवी जर्नलिस्ट हैं, पुराने बायो के अनुसार यह TV9Bharatvarsh से सम्बद्ध थे. अभी इसे हटा दिया गया है. यह भी ब्लू टिक हैं.
यह हैंडल पहले Chithra (@Chithra65431785) था और एडल्ट कंटेंट शेयर करता था. जो बाद में पुरुषोत्तम कुमार बना और फिर ट्विटर ने इन्हें ब्लू टिक भी दे दिया.
3. LowCapCrypto @lowcap_crypto
LowCapCrypto की ज्यादा रोचक स्टोरी है. यह हैंडल पहले @Anitha_chennai_ @kavi_rakavi था.
100K फॉलोवर्स भी इसके ऐसे ही कमाए गए हैं.
इसके बाद यह हैंडल ASTNT Technologies Pvt Ltd @astntindia बना. जिसकी COO @divya_gandotra हैं. दिव्या @thescoopbeats नाम का पोर्टल भी चलाती हैं. इनके पोर्टल और इनके हैंडल की क्या कहानी है यह हम आगे की रिपोर्ट में बताएँगे.
अब यह हैंडल @LowCapCrypto बन चुका है और ट्विटर इसे भी ब्लू टिक दे चुका है.
4. रोहित रेड्डी @TheRohitReddy
रोहित रेड्डी खुद को पत्रकार और उद्यमी बताते हैं. पहले इनका हैंडल @Tenderly30_ हुआ करती था जिससे एडल्ट कंटेंट शेयर होता था.
ज्यादा फॉलोवर्स की चाह और ट्विटर की नजरअन्दाजी ने एक पूरा का पूरा व्यावसायिक मॉडल खड़ा कर दिया है जिसमें बिना सही-गलत की परख किये, नॉन-कंसेंट एडल्ट कंटेंट को डाल कर फॉलोवर्स बढ़ाये जा रहे हैं और फिर उसे किसी और की पहचान दी जा रही है.
हद तो तब हो जा रही है जब ट्विटर ऐसी प्रोफाइल्स को ब्लू टिक तक दे दे रहा है.
क्या कहती है ट्विटर पॉलिसी?
ऊपर जिन हैंडल्स की पड़ताल की है उनमें दो संभावनाएं हैं. पहला कि इन लोगों ने ही पहले एडल्ट कंटेंट के जरिये फॉलोवर्स बढ़ाये और फिर उसे रियल आइडेंटिटी देकर वेरीफाई कराया अथवा कि यह हैंडल खरीदे गए. प्रथम दृष्टया यही लग रहा है कि यह हैंडल्स खरीदे गए हैं.
ट्विटर की पॉलिसी के अनुसार ऐसा करने पर हैंडल्स परमानेंट सस्पेंड किये जाते हैं.
लेकिन ऐसा देखने में आ रहा है कि रिपोर्ट करने के बावजूद इन हैंडल्स पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है.
ट्विटर को कैसे पता लगेगा कि यह हैंडल खरीदा गया है?
ट्विटर के पास सभी लॉग इन सत्रों (sessions) की जानकारी होती है, प्रोफाइल चेंज की जानकारी होती है, ईमेल और फोन के बदलाव की जानकारी होती है. जब बहुरुपिया हैंडल्स को एक रियल प्रोफाइल में कन्वर्ट करके ब्लू टिक लिया गया है यानी निश्चित तौर पर उसके ईमेल, प्रोफाइल में आमूलचूल परिवर्तन किया गया है. साथ ही सेशन जिसमें आईपी रेंज, डिवाइसेज आदि भी बदल जायेगा.
यह सब अगर एक साथ हुआ है यानी हैंडल के खरीद-बेच की सम्भावना बहुत है. इसके अलावा जो ट्वीट्स में अधिकतर नॉन-कंसेंट एडल्ट कंटेंट है जो कि ट्विटर के नियमों के हिसाब से गलत है.
अब ट्विटर इन सबके बावजूद क्यूँ ऐसे हैंडल्स के प्रति उदार रवैया अपनाए हुए है और शह दे रहा है यह समझ के परे है.
हम अभी इसके व्यावसायिक पहलुओं की जांच कर रहे हैं. कुछ लोग जो ऐसा करके हैंडल-बेचने खरीदने में लिप्त हैं को ढूँढ रहे हैं. जल्द ही हम इसपर भी एक रिपोर्ट लायेंगे.